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Shraddha Murder Case: कोर्ट ने 4 दिनों के लिए बढ़ाई आफताब की पुलिस रिमांड, पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट में सच्चाई उगलेगा श्रद्धा का हत्यारा

Shraddha Murder Case: कोर्ट ने 4 दिनों के लिए बढ़ाई आफताब की पुलिस रिमांड, पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट में सच्चाई उगलेगा श्रद्धा का हत्यारा

Shraddha Murder Case: श्रद्धा मर्डर केस में आरोपी आफताब ने आज कोर्ट में अपना जुर्म कबूल कर लिया है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई आफताब ने जज के सामने कहा कि- उसने जो कुछ भी किया वह ‘Heat of the moment’था. उसने गुस्से में आकर श्रद्धा वालकर की हत्या कर दी. इसके साथ ही उसने अपना जुर्म (Shraddha Murder Case)  स्वीकार करते हुए पुलिस को जांच को सहयोग करने की भी बात कही. बता दें कि आज आफताब की पुलिस रिमांड खत्म हो रही थी. जिसे बढ़ाने के लिए पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश की थी. जहां सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आफताब के रिमांड को 4 दिनों के लिए और बढ़ा दिया.

 

आफताब का होगा नार्को और पॉलिग्राफ टेस्ट

Shraddha Murder Case

वीडियो कन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई में आफताब पूनावाला ने कहा- उसने श्रद्धा के साथ जो कुछ भी किया वह गलती से किया. इसके साथ ही उसने आगे कहा कि- घटना को बिते इतना समय हो गया है कि उसे श्रद्धा की हत्या से जुड़ी पुरी बातें ठीक तरह से याद नहीं है. बता दें कि आफताब ने श्रद्धा की हत्या (Shraddha Murder Case) कर लाश के 35 टुकड़े कर दिल्ली की महरौली जंगल और देहरादून में कुछ जगहों पर फेंकने की बात कही है. वहीं, पुलिस द्वारा जारी गहन छानबीन के बावजूद श्रद्धा की हत्या से जुड़ा एक भी ठोस सबूत नहीं जुटा सकी है. ऐसे में पुलिस ने आफताब का नार्को टेस्ट और पॉलिग्राफ टेस्ट कराएगी. जिसके जरिए हत्याकांड से जुड़ी सच्चाई को सामने लाने में मदद मिलेगी.

 

 

पॉलीग्राफ टेस्ट से होती है सच और झूठ की पहचान

पॉलीग्राफ टेस्ट

पॉलीग्राफिक टेस्ट एक तरीके की खास तकनीक है, जिसमें मशीनों के द्वारा व्यक्ति के सच और झूठ का पता लगाया जाता है. पॉलीग्राफ टेस्ट में आरोपित या संबंधित शख्स से सवाल पूछे जाते हैं. फिर सवाल का जवाब देते समय मानव शरीर के आंतरिक व्यवहार जैसे पल्स रेट, हार्ट बीट, ब्लड प्रेशर आदि का मशीन की स्क्रीन पर लगे ग्राफ के जरिए आकलन होता है. जिसके जरिए व्यक्ति झूठ बोल रहा है या सच इसका पता लगाया जाता है.बता दें कि पॉलिग्राफिक टेस्ट में किसी भी टेस्ट में बिना किसी दवाई या इंजेक्श के ही पूरी प्रक्रिया की जाती है.

नार्को टेस्ट में बरतनी होती है सावधानी

नार्को टेस्ट

आपको बता दें कि पॉलीग्राफ टेस्ट की अपेक्षा नार्को टेस्ट काफी अलग होते हैं. इस जांच की प्रक्रिया में इंसान को एक खास किस्म का इंजेक्शन लगाया जाता है. जिसके बाद इंशान न तो पूरी तरह से होश में होता है न ही बेहोश होता है. नार्को ग्रीक भाषा का एक शब्द है, जिसका मतलब एनेस्थीसिया होता है. नार्को टेस्ट में डॉक्टर ट्रुथ सिरप ड्रग्स का इस्तेमाल करते हैं. इसे इंजेक्शन में भरकर व्यक्ति को लगाया जाता है. हालांकि, इससे पहले कुछ रूटीन टेस्ट होते हैं, ताकि पता चल सके कि व्यक्ति का शरीर एनेस्थीसिया झेल पाने के लायक है या नहीं. नार्को टेस्ट के समय बेहद सावधानी बरतनी होती है. जरा सी लापरवाही व्यक्ति की जान तक ले सकती है. भारत का कानून किसी व्यक्ति का नार्को टेस्ट की इजाजत तभी देता है जब उसके खिलाफ पुख्ता सबूत न हो या वह लगातार अपनी बातों से मुकर रहा हो.

श्रद्धा के किए थे 35 टुकड़े

Shraddha Murder Case

गौरतलब है कि आफताब पूनावाला ने अपनी गर्लफ्रेंड श्रद्धा वालकर की गला दबाकर बेरहमी से हत्या (Shraddha Murder Case) कर दी थी. जिसके उसने पुलिस से बचने के लिए श्रद्धा के शव के 35 छोटे-छोटे टुकड़े कर दिए थे. जिसको उसने फ्रीज में रखा था. शव के एक-एक टुकेड़े को उसने दिल्ली के जंगलो में फेंक दिया था. श्रद्धा के माता-पिता द्वारा अपनी बेटी के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने पर 6 महीने के बाद इस मामले खुलासा हुआ था.

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