No Money For Terror: दिल्ली में आज 18 नवंबर शुक्रवार से दो दिवसीय ‘नो मनी फॉर टेरर’ (No Money For Terror) के सम्मेलन की शुरुआत हो गई है. आतंकवाद से निपटने के लिए इस ग्लोबल सम्मेलन में 75 देशों और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं. हालांकि दुनिया के सबसे बड़े आतंक के गढ़ पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने इस कॉन्फ्रेंस हिस्सा नहीं लिया है. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन कर सम्मेलन की शुरुआत की है.
पीएम मोदी का आतंकवाद पर प्रहार
Addressing the 'No Money for Terror' Ministerial Conference on Counter-Terrorism Financing. https://t.co/M7EhOCYIxS
— Narendra Modi (@narendramodi) November 18, 2022
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने ‘आतंकवाद के लिए कोई धन नहीं, आतंकवाद के वित्तपोषण से मुकाबले के लिए मंत्रियों का सम्मेलन’(No Money For Terror) को संबोधित किया. संबोधन के दौरान पीएम ने कहा कि- अलग-अलग नामों और रूपों में आतंकवाद ने भारत को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है. हमने हजारों बहुमूल्य जिंदगियों का बलिदान दिया, लेकिन हमने आतंकवाद का डटकर मुकाबला किया.
पीएम मोदी ने कहा कि- आतंकवाद मानवता, स्वतंत्रता और सभ्यता पर हमला है. यह कोई सीमा नहीं जानता. केवल यूनिफॉर्म, यूनिफाइड और जीरो टॉलरेंस अप्रोच ही आतंकवाद को हरा सकता है. इसके साथ ही पीएम ने कहा कि वह तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक कि आतंकवाद को जड़ से उखाड़ नहीं फेंक देते. नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) के डीजी दिनकर गुप्ता के मुताबिक टेरर फंडिंग रोकने के लिए इस सम्मेलन बहुत अहम बताया है.
पाकिस्तान चीन और अफगानिस्तान ने बनाई दूरी
PM Shri @narendramodi Ji will address the inaugural session of the 'No Money for Terror' Ministerial Conference on Counter-Terrorism Financing, tomorrow at 9:30AM. #NMFT2022 https://t.co/i3Ya5JGJsV
— Amit Shah (@AmitShah) November 17, 2022
बता दें कि आंतक के खिलाफ टेरर फंडिंग को रोकने के लिए ‘नो मनी फॉर टेरर’ (No Money For Terror) भारत में आयोजित हो रहा है. इससे पहले पेरिस (2018) और मेलबर्न (2019) में हुए पिछले दो सम्मेलनों में आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने के विषय पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच चर्चा हो चुकी है. भारत का मकसद इस चर्चा को आगे ले जाना है. आतंक के खिलाफ इस मुहिम में भारत के साथ अन्य कई देश खड़े नजर आ रहे हैं. हालांकि पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान हमेशा से ही आतंक के गढ़ और आतंकियों को पनाह देने वाले रहे हैं, ऐसे में वह कॉन्फ्रेंस में शामिल न होकर पहले ही बेनकाब हो गए हैं. वहीं, चीन ने भी सम्मेलन से दूरी बनाकर रखी है.
आतंकवाद से किसी धर्म को जोड़ना उचित नहीं- अमित शाह
To achieve the goal of "No Money for Terror", the global community must understand the "Mode – Medium – Method" of Terror Financing and adopt the principle of 'One Mind, One Approach' in cracking down on them.#NMFT2022 pic.twitter.com/xUIqXOQ0ER
— Amit Shah (@AmitShah) November 18, 2022
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी काउंटर-टेररिज्म फाइनेंसिंग पर तीसरे ‘नो मनी फॉर टेरर’ (No Money For Terror) मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि हम ये मानते हैं कि आतंकवाद (Terrorism) के खतरे को किसी धर्म, राष्ट्रीयता या समूह से नहीं जोड़ा जा सकता है और न ही इसे जोड़ा जाना चाहिए. अमित शाह ने आगे कहा कि-आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए भारत ने सुरक्षा ढांचे के साथ-साथ कानूनी और वित्तीय प्रणालियों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है. पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि दुर्भाग्य से कुछ देश ऐसे भी हैं, जो आतंकवाद से लड़ने के लिए सामूहिक प्रयासों को कमजोर और नष्ट करना चाहते हैं.
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